"सुर्खियों के पीछे: कैसे ममता बनर्जी ने बंगाल के डॉक्टरों के साथ RG Kar Medical College Case संकट को हल किया

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद पश्चिम बंगाल में ( RG Kar medical college case )प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों ने अस्पतालों में अपनी हड़ताल वापस ले ली है। डॉक्टर आरजी कर अस्पताल में एक महिला डॉक्टर से कथित बलात्कार मामले के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।

RG Kar Medical College Case

 

 

RG Kar Medical College Case और अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के साथ कथित बलात्कार और हत्या के संबंध में उनकी भूख हड़ताल के बीच, कम से कम सत्रह जूनियर डॉक्टरों ने अपनी विभिन्न मांगों पर चर्चा करने के लिए बनर्जी से मुलाकात की।

 

“मुख्यमंत्री के साथ आज की बैठक के दौरान, हमें कुछ निर्देशों के संबंध में आश्वासन मिला; हालाँकि, राज्य सरकार की शारीरिक भाषा सकारात्मक नहीं थी। जनता ने पूरे दिल से हमारा समर्थन किया है, और हमारे बिगड़ते स्वास्थ्य को देखते हुए, वे, हमारी मृत बहन (RG Kar medical college अस्पताल की पीड़िता) के माता-पिता के साथ, अनुरोध कर रहे हैं कि हम अपनी भूख हड़ताल समाप्त करें, ”डॉक्टरों ने बैठक के बाद पीटीआई को बताया।

RG Kar medical college case भूख हड़ताल, जो आज अपने पंद्रहवें दिन पर पहुंच गई, न्याय और स्वास्थ्य देखभाल सुधारों के लिए उनके आह्वान का हिस्सा थी।कोलकाता के सरकारी आरजी कर अस्पताल में एक इंटर्न डॉक्टर के साथ क्रूर बलात्कार और हत्या के बाद पूरे पश्चिम बंगाल में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। पीड़िता 9 अगस्त को कॉलेज के सेमिनार हॉल में मृत पाई गई थी।

जूनियर डॉक्टरों और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच बैठक को लेकर पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष शुभंकर सरकार ने एएनआई से कहा, ”मुझे उम्मीद है कि इस बार सब कुछ सुलझ जाएगा.”इस घटना से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राज्य सरकार के बीच राजनीतिक विवाद छिड़ गया है, भाजपा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की है।

रविवार को भेजे गए एक ईमेल के जवाब में डॉक्टरों से अपनी (RG Kar medical college cas)भूख हड़ताल समाप्त करने का अनुरोध करते हुए, प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे तब तक जारी रहेंगे जब तक कि उनकी सभी दस मांगें पूरी नहीं हो जातीं। यहां तक कि उनकी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल रविवार को पंद्रहवें दिन में प्रवेश कर गई, बंगाल में जूनियर डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बात करने से पहले इसे बंद करने से इनकार कर दिया और 9 अगस्त के बलात्कार के बाद स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम को हटाने की अपनी मांग पर अड़े रहे। कोलकाता के RG Kar medical college एंड हॉस्पिटल में पोस्टग्रेजुएट इंटर्न डॉक्टर की हत्या।

रविवार को कोलकाता में विरोध स्थल के पास जहां जूनियर डॉक्टर भूख हड़ताल कर रहे थे, महिलाओं ने नारे लगाए.अगस्त से विभिन्न रूपों में डॉक्टरों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के बाद, नागरिक, नागरिक समाज के सदस्य और बंगाली फिल्म उद्योग के कई कलाकार रविवार शाम को कोलकाता में रानी रशमोनी एवेन्यू पर भूख हड़ताल स्थल पर एकत्र हुए।

RG Kar Medical College Case: त्रासदी, विरोध और समाधान की एक कहानी

पश्चिम बंगाल के RG Kar Medical College  और हॉस्पिटल में हुए बलात्कार और हत्या के मामले ने राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक बड़ी हलचल हो गई । एक 31 वर्षीय महिला डॉक्टर की हत्या और यौन शोषण के इस कृत्य ने न केवल कोलकाता बल्कि पूरे देश को हिला  दिया। इस घटना के बाद जूनियर डॉक्टरों द्वारा बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया गया।

घटना: RG Kar Medical College में हत्या का मामला

अगस्त 2024 में, RG Kar Medical College   में एक महिला डॉक्टर की मौत की ख़बर ने मेडिकल जगत को हिला दिया । शुरुआती जांच से पता चला कि यह यौन शोषण के बाद हत्या का मामला था। इस अपराध ने सुरक्षा उपायों की कमी और महिला डॉक्टरों की सुरक्षा के सवालों को उठाया ।घटना के तुरंत बाद, अस्पताल के सहकर्मियों, डॉक्टरों और छात्रों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, और सरकार से न्याय की मांग की। यह विरोध धीरे-धीरे पूरे राज्य में फैल गया, जिससे व्यापक आंदोलन की शुरुआत हुई।

विरोध प्रदर्शन: न्याय और सुधार की मांग

घटना के बाद, सबसे पहले जूनियर डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों ने अस्पताल में सुरक्षा उपायों और संरचनात्मक सुधारों की मांग की। उनकी प्रमुख मांगों में महिला डॉक्टरों के लिए सुरक्षा उपायों की बढ़ोतरी, अस्पतालों में CCTV कैमरों की स्थापना, और संस्थागत भ्रष्टाचार को समाप्त करना शामिल था।

विरोध प्रदर्शन के दौरान डॉक्टरों ने 40 दिनों से अधिक समय तक भूख हड़ताल की, जिसमें आपातकालीन सेवाओं को भी बाधित कर दिया गया। इस अवधि के दौरान, डॉक्टरों ने सरकार से 10 प्रमुख मांगें रखीं, जिसमें से एक बड़ी मांग हेल्थ सेक्रेटरी के इस्तीफे की थीविरोध के दौरान डॉक्टरों ने सरकार पर दबाव बनाते हुए कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं की जातीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। इसके परिणामस्वरूप, अस्पताल के ओपीडी सेवाएं भी बंद कर दी गईं, जिससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

सरकार की प्रतिक्रिया: RG Kar Medical College Case ममता बनर्जी का हस्तक्षेप

विरोध प्रदर्शन के उग्र होने पर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने RG Kar Medical College Case स्वयं हस्तक्षेप किया। उन्होंने विरोध कर रहे डॉक्टरों से भूख हड़ताल समाप्त करने की अपील की और आश्वासन दिया कि उनकी सभी चिंताओं का समाधान किया जाएगा।

सरकार ने डॉक्टरों के साथ राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत और कोलकाता पुलिस के अधिकारियों के साथ एक बैठक का आयोजन किया, जहां उन्हें सुरक्षा के उपायों को लेकर आश्वासन दिया गया। हालांकि, डॉक्टरों को यह चिंता थी कि कुछ महत्वपूर्ण मांगों के कार्यान्वयन में अभी भी समय लग सकता है​

डॉक्टरों ने हड़ताल समाप्त की: एक नाजुक समाधान

करीब 40 दिनों तक चले इस RG Kar Medical College Case विरोध प्रदर्शन के बाद, आखिरकार जूनियर डॉक्टरों ने सरकार के साथ समझौता करने के बाद अपनी हड़ताल समाप्त की। हालांकि, डॉक्टरों ने इस बात पर जोर दिया कि उनकी सभी मांगें पूरी तरह से पूरी नहीं हुई हैं और यदि सरकार अपने वादों को पूरा नहीं करती है, तो वे फिर से आंदोलन शुरू कर सकते हैं।

डॉक्टरों ने कहा कि वे अपने कार्यों पर लौट रहे हैं लेकिन सरकार की कार्रवाई पर पैनी नजर बनाए रखेंगे। डॉक्टरों ने ओपीडी और ऑपरेशन थिएटर सेवाओं को अभी भी कुछ समय के लिए बंद रखने का निर्णय लिया ताकि महिला डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके​

विरोध प्रदर्शनों की प्रमुख मांगें

  1. डॉक्टरों के लिए सुरक्षा उपाय: प्रमुख मांगों में अस्पतालों के परिसर में CCTV कैमरों की स्थापना और महिला डॉक्टरों के लिए दिन-रात की सुरक्षा की व्यवस्था शामिल थी।
  2. प्रमुख अधिकारियों के इस्तीफे: डॉक्टरों ने स्वास्थ्य सचिव एन.एस. निगम और अन्य अधिकारियों के इस्तीफे की मांग की, जिन पर अस्पताल के भ्रष्टाचार और सुरक्षा उपायों में ढिलाई के आरोप लगे थे।
  3. कार्य परिस्थितियों में सुधार: डॉक्टरों ने अस्पताल में बुनियादी सुविधाओं की कमी पर भी सवाल उठाए, जैसे कि स्वच्छता, सही रोशनी और महिला कर्मचारियों के लिए सुरक्षित कार्यस्थल।
  4. संस्थागत सुधार: डॉक्टरों ने अस्पतालों में पारदर्शी चुनावों की मांग की ताकि छात्र और जूनियर डॉक्टर प्रशासनिक फैसलों में अपनी आवाज उठा सकें। उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र में भ्रष्टाचार को समाप्त करने की भी मांग की।
  5. पीड़िता के लिए न्याय: सबसे बड़ी मांग यह थी कि पीड़िता के लिए न्याय मिले और मामले की निष्पक्ष जांच की जाए। डॉक्टरों ने अपराधियों को सजा दिलाने की मांग की।

पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य क्षेत्र का भविष्य

RG Kar Medical College Case विरोध प्रदर्शन खत्म हो गया है, लेकिन इसके पीछे की मूल समस्याएं अभी भी बनी हुई हैं। पश्चिम बंगाल का स्वास्थ्य क्षेत्र, भारत के अन्य हिस्सों की तरह, भ्रष्टाचार, प्रशासनिक अक्षमता और अपर्याप्त संरचनाओं से ग्रस्त है।

यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति की मौत का नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य प्रणाली में सुधार की बड़ी मांगों का प्रतीक है। डॉक्टरों के विरोध ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सामूहिक प्रयास से सार्थक परिवर्तन लाए जा सकते हैं। अब यह देखने की बात है कि सरकार अपने वादों को पूरा करती है या डॉक्टरों को फिर से सड़कों पर उतरना पड़ता है।

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